नमस्कार 🙏 मित्रो आज का टाइटल ही बड़ा रोचक है। बेशक यदि शरीर मोबाइल है तो मस्तिष्क एक सिम कार्ड की तरह है क्योंकि मस्तिष्क ना हो तो भगवान से नेटवर्क कनेक्शन भी ना हो पाए। तभी तो संसार कि सबसे अमूल्य वस्तु है मनुष्य का शरीर पाना क्योंकि मानव के शरीर में ही दुनिया की अनमोल वस्तु मस्तिष्क है। जो व्यक्ति अपने कर्म पथ पर अपने मन पर वश रखे तो यही दिमाग के कई रहस्यों की चाबी होगी। इसे के साथ ही कल फिर मिलेंगे परन्तु कल किसी ने देखा नहीं लेकिन आज अपने कॉमेंट अवश्य लिखे। 🙏सादर प्रणाम🙏
नमस्कार 🙏 मित्रो आज का शीर्षक समाज के हित में है यदि समाज स्त्रियों का पूर्णता सम्मान करें तो समाज विकास पथ पर कभी भी डगमग आएगा नहीं। स्त्री के सम्मान में एक बात अवश्य कहीं जाती है: “नारी निंदा मत करो नारी नर कि खान है क्योंकि नारी से ही पैदा हुए भक्त ध्रुव, प्रहलाद,और भगवान है” अर्थ : नारी एक देवी का स्वरूप भी है जिसे सभी भक्त माता के रूप में भी पूजते है, नारी एक बहन का भी स्वरूप है जो कि अपने भाई की रक्षा हेतु रक्षा सूत्र बांधती है एवं समय आने पर एक माता का भाग भी निभाते है,नारी एक ग्रह लक्ष्मी का भी स्वरूप है जो कि घर को एक पवित्र धागे में बांधती है एवं इतना ही नहीं भगवान का दूसरा स्वरूप माता को कहा गया है यदि कोई पुत्र अपनी माता की सेवा ही पूर्ण भाव से करे तो भगवान सदैव उसकी रक्षा करेंगे। एवं संसार में स्त्री से बड़ी और कोई त्याग की मूरत नहीं है। “यहां पर एक ही परम सत्य की बात है नारी के स्वरूप में विद्या की देवी भी है इसलिए जो मनुष्य नारी का सम्मान नहीं करते उनकी बुद्धि भी धीरे धीरे कम होती चली जाती है” 🙏 सादर प्रणाम 🙏
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