नमस्कार 🙏मित्रो में आप सभी का अपने इस नए ब्लॉग "रहेस्यमई मस्तिष्क" पर आपका स्वागत करता हूं। हमारे इस ब्लॉग में मस्तिष्क से जुड़ी प्रत्येक विषय पर आपसे चर्चा करूंगा एवम् आपका विश्वास सार्वभौमिक शिक्षा पर भी होना चाहिए क्योंकि जीवन एक ऐसी किताब है जिसमें हर कदम पर कुछ सीखने को मिलता है। दुनिया में मस्तिष्क से बलवान कोई नहीं क्योंकि यही एक जरिया है भगवान से जुड़ने का, यही एक जरिया है हर मुश्किल कार्य को संभव बनाने का, एवं इन सभी चिजो को पाने के लिए एक ही चीज महत्वपूर्ण है कि व्यक्ति अपने कर्म पथ पर कितना पक्का है बिना किसी कर्मफल के।इसे के साथ अगले विचार के साथ फिर मिलेंगे सबको सादर प्रणाम🙏🙏।
नमस्कार 🙏 मित्रो आज का शीर्षक समाज के हित में है यदि समाज स्त्रियों का पूर्णता सम्मान करें तो समाज विकास पथ पर कभी भी डगमग आएगा नहीं। स्त्री के सम्मान में एक बात अवश्य कहीं जाती है: “नारी निंदा मत करो नारी नर कि खान है क्योंकि नारी से ही पैदा हुए भक्त ध्रुव, प्रहलाद,और भगवान है” अर्थ : नारी एक देवी का स्वरूप भी है जिसे सभी भक्त माता के रूप में भी पूजते है, नारी एक बहन का भी स्वरूप है जो कि अपने भाई की रक्षा हेतु रक्षा सूत्र बांधती है एवं समय आने पर एक माता का भाग भी निभाते है,नारी एक ग्रह लक्ष्मी का भी स्वरूप है जो कि घर को एक पवित्र धागे में बांधती है एवं इतना ही नहीं भगवान का दूसरा स्वरूप माता को कहा गया है यदि कोई पुत्र अपनी माता की सेवा ही पूर्ण भाव से करे तो भगवान सदैव उसकी रक्षा करेंगे। एवं संसार में स्त्री से बड़ी और कोई त्याग की मूरत नहीं है। “यहां पर एक ही परम सत्य की बात है नारी के स्वरूप में विद्या की देवी भी है इसलिए जो मनुष्य नारी का सम्मान नहीं करते उनकी बुद्धि भी धीरे धीरे कम होती चली जाती है” 🙏 सादर प्रणाम 🙏
Nice content
जवाब देंहटाएंThanks brother
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