नमस्कार
🙏 मित्रों आज का शीर्षक यह है कि गुरु का मस्तिष्क पर प्रभाव क्या पड़ता है? इस प्रश्न का कोई अंत ही नहीं है। क्योंकि गुरु की महिमाा शास्त्रों मे लिखे पद से ही पता चल जाती है।यह पद इस प्रकार है:
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥
अर्थात् : इस पद के अर्थ में ही गुरु की महिमा विद्यमान है। गुरु ही ब्रह्मा है एवं वही विष्णु भी है और वही शंकर भी। एवं वही सर्वस्व है। ऐसे गुरु को शाश्वतप्रणाम है। एवं गुरु वही है जो आपको इस भवसागर से पार लगा सके। परंतु यहां पर भी दो बातें महत्वपूर्ण है।
- पहला की वह जो आपको गलत रास्ते पर चलना सिखाए वह कभी गुरु नहीं हो सकता।
- दूसरा गुरु वही है जो आपको अच्छे मार्ग पर चलना सिखाए। जो की आपकी जीवन रूपी नाव को डगमग होने से बचाएं। ऐसे गुरु की आज्ञा मानना ही भगवान की आज्ञा के समान है।
🙏 सादर प्रणाम 🙏
Good information
जवाब देंहटाएंThanx brother
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